लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने आगामी कांवड़ यात्रा और मुहर्रम के सुरक्षा प्रबंधों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए और सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। डीजीपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि कहीं भी नई परंपरा की अनुमति न दी जाए और कांवड़ यात्रा के मार्गों की जांच पहले से कर ली जाए।
कांवड़ यात्रा और मुहर्रम की तैयारियों पर जोर
बैठक के दौरान डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कांवड़ यात्रा और मुहर्रम के दौरान सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों और हॉटस्पॉट्स पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, उन्होंने कांवड़ यात्रा के मार्गों की जांच पूर्व से ही कर लेने और किसी भी नई परंपरा की अनुमति न देने के निर्देश दिए।
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डिजिटल वॉलिंटियर्स और सिविल डिफेंस का सहयोग
डीजीपी ने सुरक्षा योजना बनाने में डिजिटल वॉलिंटियर्स और सिविल डिफेंस के सहयोग लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही सुरक्षा प्रबंधों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कांवड़ यात्रा और मुहर्रम के दौरान होने वाले जुलूस मार्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और इसके लिए सुरक्षा प्लान में इनका सहयोग अनिवार्य है।
संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल
डीजीपी ने अधिकारियों को आदेश दिया कि मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही, संवेदनशील जगहों पर बढ़ी हुई सुरक्षा का प्रबंध करना भी आवश्यक है।
सीसीटीवी और निगरानी उपकरणों का उपयोग
डीजीपी ने आदेश दिया कि जुलूस मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को सक्रिय रखा जाए और इनकी निगरानी लगातार की जाए। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर भी सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अति संवेदनशील स्थलों पर चेकिंग को बढ़ाया जाए और जोन सेक्टर स्कीम लागू की जाए।
इंटरनेट मीडिया की 24 घंटे निगरानी
डीजीपी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इंटरनेट मीडिया की 24 घंटे निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली हर अफवाह का तुरंत खंडन किया जाए और इसके लिए उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही, संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन कैमरों और PTZ कैमरों से निगरानी रखने के आदेश भी दिए गए।
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ड्रोन और PTZ कैमरों का उपयोग
डीजीपी ने संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन कैमरों और PTZ कैमरों का उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन उपकरणों से निगरानी बढ़ाई जा सकती है और किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सकता है। इनकी मदद से जुलूस मार्गों पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकती है।
निष्कर्ष
डीजीपी प्रशांत कुमार की इस बैठक से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश पुलिस आगामी कांवड़ यात्रा और मुहर्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न होने पाए और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। इस महत्वपूर्ण बैठक से यह संदेश स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश पुलिस सुरक्षा प्रबंधों को लेकर पूरी तरह तैयार है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तत्पर है।