हरियाणा: 45 दिन से टॉयलेट में बंद शख्स की दर्दनाक कहानी

टॉयलेट में बंद

हरियाणा के पानीपत में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 45 वर्षीय सुरेंद्र उर्फ शांति ने 45 दिन पहले खुद को अपने घर के टॉयलेट में बंद कर लिया था और इस दौरान उन्होंने अन्न का एक भी दाना नहीं खाया। सुरेंद्र बस पानी पीकर जीवित रहे और मृत्यु को गले लगाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी, क्योंकि कुछ मसीहा बनकर आए लोगों ने उनकी जान बचा ली।

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now

सुरेंद्र की दर्दनाक कहानी ने सभी को भावुक कर दिया। उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार पंजाब के मतलौडा मोहल्ले में रहता था। बचपन में उनकी बड़ी बहन की मृत्यु हो गई थी और बड़ा भाई विजय मानसिक रूप से कमजोर है। चारों भाई-बहनों में से किसी की भी शादी नहीं हुई थी। उनके पिता लख्मीचंद छोले भटूरे और आइसक्रीम बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते थे, लेकिन 12 साल पहले उनकी भी मौत हो गई।



सुरेंद्र के दूसरे भाई अशोक लोन ब्रोकर का कर्जदार बनकर पांच साल पहले घर से भाग गया था। उनकी मां फूला देवी की भी कोरोना महामारी के दौरान मौत हो गई थी। तीसरा भाई राजकुमार हिमाचल प्रदेश में हैंडलूम का काम करने लगा था, लेकिन तीन महीने पहले अज्ञात कारणों से उसकी भी मृत्यु हो गई। इन घटनाओं ने सुरेंद्र को गहरे सदमे में डाल दिया और उनकी जीने की इच्छा खत्म हो गई।

सुरेंद्र ने खुद को टॉयलेट में बंद कर लिया और बाहरी शोर से भी नफरत करने लगे। उनका मानसिक रूप से कमजोर भाई विजय भी कई दिनों तक भूखा-प्यासा घर पर पड़ा रहा और कभी-कभी किसी से रोटी मांगकर खा लेता था।

पड़ोसियों ने जन सेवा दल की सामाजिक सेवा को इस घटना की सूचना दी। जन सेवा दल के सदस्य मौके पर पहुंचे और छत के रास्ते घर में घुसकर दोनों भाइयों को बचा लिया। बचाव के दौरान दोनों भाइयों के कपड़े मल-मूत्र से भरे हुए थे और अंदर की बदबू के कारण वहां जाना मुश्किल हो रहा था।

सफाई के बाद जन सेवा दल के सदस्यों ने दोनों भाइयों को आदर्श नगर स्थित अपने घर पहुंचाया। यहां सोमवार सुबह दोनों को नहलाया गया और खाना खिलाया गया। विजय ने तो दो रोटियां खा लीं, लेकिन सुरेंद्र 45 दिनों से भूखे रहने के कारण मुश्किल से एक रोटी ही खा सके। डॉक्टरों ने उनकी जांच की और लंबे समय तक खाना न खाने के कारण उनकी पाचन क्रिया में खराबी पाई गई।

अब सुरेंद्र और विजय दोनों भाई जन सेवा दल के घर में रहेंगे, जहां उनकी देखभाल की जाएगी। इस घटना ने समाज में सहानुभूति और सहायता की महत्ता को फिर से उजागर किया है।

Join Our YouTube Channel

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *