नई दिल्ली। देश के सरकारी अस्पतालों की स्थिति दिन ब दिन खराब होती जा रही है। सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश के 80% सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (IPHS) नामक एक डिजिटल टूल के माध्यम से 40,451 अस्पतालों की जांच की गई, जिसमें से केवल 8,089 अस्पताल ही IPHS के मानकों पर खरे उतरे हैं।
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रिपोर्ट की मुख्य बातें
- बुनियादी सुविधाओं का अभाव: रिपोर्ट के अनुसार, देश के 80% सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं, जैसे डॉक्टर, नर्स और दवाइयां, उपलब्ध नहीं हैं। इनमें से केवल 8,089 अस्पतालों में ही ये सुविधाएं पूरी तरह से उपलब्ध हैं।
- कम अंक प्राप्त करने वाले अस्पताल: 42% अस्पतालों ने IPHS मानकों के तहत 50% से भी कम अंक प्राप्त किए हैं। वहीं, 15,172 अस्पतालों ने 50 से 80% के बीच अंक हासिल किए हैं।
- सरकारी खर्च का विभाजन: NHM (National Health Mission) के तहत आने वाले अस्पतालों का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारें उठाती हैं।
IPHS के तहत सुधार के प्रयास
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि नई सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर 70,000 सरकारी अस्पतालों को IPHS (Indian Public Health Standards) के मानकों के तहत बनाया जाएगा। इस दिशा में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्यों को अस्पतालों में सुधार के लिए पूरी मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है।”
NQAS मूल्यांकन
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का NQAS (National Quality Assurance Standards) मूल्यांकन पहले की तरह ही किया जाएगा, जिससे इन अस्पतालों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।