चीन का बांग्लादेशी लड़कियों पर हमला: कहना न मानने पर करता है ऐसा घिनौना काम

लड़कियों

ढाका/बीजिंग: चीन की नीतियों और व्यवहार ने एक बार फिर से इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। उइगर मुसलमान लड़कियों के बाद अब चीनी नागरिक बांग्लादेशी लड़कियों को अपने निशाने पर ले रहे हैं। यह एक संगठित और योजनाबद्ध अपराध है, जिसमें चीनी पुरुष पहले बांग्लादेशी लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाते हैं और फिर उन्हें शादी का झांसा देकर चीन ले जाते हैं, जहां उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया जाता है। और अगर लड़कियां विरोध करती हैं या इस काम के लिए असमर्थ होती हैं, तो उनके शरीर के अंगों की तस्करी कर दी जाती है।

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यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट में खुलासा:

यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 जुलाई 2023 को बांग्लादेश के उत्तरी जिले चुआडांगा में एक गरीब विधवा महिला ने अपनी 19 वर्षीय बेटी की शादी चीनी नागरिक कुई पो वेई से की थी। 6 महीने बाद, कुई पो वेई अपनी पत्नी को चीन ले गया और उसे वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर कर दिया। मामला तब सामने आया जब पीड़िता की मां ने 31 मार्च 2024 को ढाका ट्रिब्यूनल में केस दर्ज कराया। यह घटना सिर्फ एक उदाहरण है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे चीन एक संगठित रैकेट चला रहा है।



बांग्लादेश और पाकिस्तान में सक्रिय गिरोह:

चीन यह रैकेट केवल बांग्लादेश में ही नहीं चला रहा है, बल्कि इससे पहले पाकिस्तान से भी ऐसी खबरें सामने आई थीं। रिपोर्ट में बताया गया कि 2019 में 600 गरीब पाकिस्तानी लड़कियों को चीन के लड़कों की दुल्हन के रूप में बेचा गया था। 1 मई 2024 को बांग्लादेश के पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने भी स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि एक गिरोह ने उसकी बहन को चीन में तस्करी करने के इरादे से ढाका में बंदी बना रखा था। 21 वर्षीय बहन को नर्सिंग में दाखिला दिलाने का झांसा देकर ढाका ले जाया गया, लेकिन उसे चीनी नागरिक से शादी के लिए मजबूर किया गया।

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चटगांव हिल महिला संघ की अध्यक्ष पिंकी का लड़कियों के लिए बयान:

चटगांव हिल महिला संघ की अध्यक्ष पिंकी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में 500 से ज्यादा लड़कियों को चीन ले जाया गया है, जिनकी उम्र करीब 13 साल है। पीड़िता की मां ने कहा कि बेटी ने 11 मार्च 2024 को फोन करके बताया कि उसके चीनी पति और उसके साथियों ने बहुत शारीरिक यातनाएं दीं। उसे हर दिन 10-15 ग्राहकों के सामने पेश किया गया। विरोध करने पर धमकी दी कि अगर ऐसा नहीं किया तो उसके शरीर के अंगों को बेच दिया जाएगा। महिला ने बताया कि ऐसा ही 4 अन्य गरीब महिलाओं के साथ हुआ है।

धोखे और हिंसा की शिकार:

चीन में ले जाकर इन लड़कियों को अमानवीय परिस्थितियों में रखा जाता है। उन्हें हर रोज़ शारीरिक और मानसिक यातनाओं का सामना करना पड़ता है। विरोध करने पर उन्हें मारपीट की जाती है और उनके शरीर के अंगों को बेचने की धमकी दी जाती है। यह स्थिति केवल एक या दो लड़कियों तक सीमित नहीं है। पिछले कुछ सालों में सैकड़ों लड़कियों को चीन ले जाया गया है, जिनमें से कई की उम्र केवल 13 साल है।

बांग्लादेश सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया:

इस घटना ने बांग्लादेश सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। बांग्लादेशी पुलिस और प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों को पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और चीन पर दबाव बनाने के लिए कदम उठाने की मांग की है।

न्याय की उम्मीद:

इन घटनाओं ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि मानव तस्करी और देह व्यापार एक गंभीर समस्या है, जिसे रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर कठोर कदम उठाने की जरूरत है। यह समय है कि सभी देश मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करें।

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