अम्बाला | कोरोना महामारी का दौर एक ऐसा समय था जब न जाने कितने लोगों के जीवन में भूचाल आ गया। बने-बनाए काम-धंधे चौपट हो गए, और कई लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा। किसी ने बीमारी के चलते अपना जीवन गंवाया तो किसी ने अपनी नौकरी। ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में भी कुछ लोगों ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से नए रास्ते खोज निकाले। हरियाणा के अंबाला जिले में रहने वाली अलका शर्मा भी इन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने इस कठिन समय में अपना बिजनेस शुरू किया और आज एक सफल बिजनेसवुमेन के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं। FOLLOW
आचार बनाने का बिजनेस: एक अनोखी पहल
अलका शर्मा के पति आर्मी से रिटायर्ड हैं। कोरोना महामारी के दौरान, जब लोग घरों में बंद थे और बेरोजगारी का डर सबके मन में था, अलका ने अपने घर से ही आचार बनाने का बिजनेस शुरू किया। यह निर्णय उनके लिए आसान नहीं था, क्योंकि उनके पति शुरू में इस आइडिया से सहमत नहीं थे। लेकिन अलका ने हार नहीं मानी और धीरे-धीरे उन्होंने इस काम को आगे बढ़ाया। आज की तारीख में अलका हर महीने लाखों की कमाई कर रही हैं और यह सब उनके आचार के बिजनेस की बदौलत है।
शौक से शुरू हुआ सफर, बना सफलता की कहानी
अलका बताती हैं कि कोरोना काल के दौरान, उन्होंने अपने शौक के तौर पर आचार बनाना शुरू किया। यह एक ऐसा शौक था जो धीरे-धीरे उनके परिवार और दोस्तों के बीच लोकप्रिय हो गया। जब भी कोई मेहमान उनके घर आता, अलका अपने हाथ से बने आचार उन्हें चखातीं। उनके आचार की स्वादिष्टता और विविधता देखकर सभी ने उन्हें अपने आचार का बिजनेस शुरू करने की सलाह दी। एक दिन उनके बेटे ने भी यही सुझाव दिया और इस सुझाव को अलका ने गंभीरता से लिया। उन्होंने इसे एक अवसर के रूप में देखा और आचार बनाने को अपने बिजनेस का आधार बना लिया।
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30 प्रकार के आचार: विविधता में सफलता
अलका ने अपने आचार के बिजनेस को केवल एक प्रकार के आचार तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने विभिन्न प्रकार के आचार बनाने की शुरुआत की और आज वह लगभग 30 प्रकार के आचार बनाती हैं। इसमें आम का आचार, नींबू का आचार, मिर्च का आचार, और अन्य विभिन्न प्रकार के आचार शामिल हैं। हर प्रकार का आचार अपनी विशिष्टता और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है।
अनुभव से सीखी विविधता
अलका के अनुसार, जब उनके पति आर्मी में थे, तब उनकी पोस्टिंग विभिन्न राज्यों में होती थी। इस दौरान अलका को अलग-अलग राज्यों के आचार चखने और सीखने का मौका मिला। यही अनुभव उनके बिजनेस में भी काम आया। उन्होंने विभिन्न राज्यों के आचार बनाने की तकनीक और उनके खास मसालों का उपयोग कर अपने आचार को विशेष बनाया।
बिजनेस में परिवार का सहयोग
शुरुआत में अलका को अपने पति का पूरा समर्थन नहीं मिला, लेकिन जैसे-जैसे उनका बिजनेस आगे बढ़ा, पूरा परिवार उनके साथ आ गया। आज उनका पूरा परिवार इस बिजनेस में उनकी मदद करता है। उनके पति, जो पहले इस बिजनेस को लेकर आशंकित थे, अब उनके सबसे बड़े समर्थक बन चुके हैं। उनके बच्चे भी बिजनेस के विभिन्न पहलुओं में उनकी सहायता करते हैं, जिससे उनका बिजनेस और भी तेजी से बढ़ रहा है।
सामाजिक मीडिया का उपयोग
अलका ने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया। उन्होंने फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अपने आचार की तस्वीरें और जानकारी साझा की, जिससे उन्हें व्यापक स्तर पर पहचान मिली। उनकी मेहनत और गुणवत्ता ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया और उनके आचार की डिमांड तेजी से बढ़ी।
भविष्य की योजनाएं
अलका शर्मा अपने बिजनेस को और भी बड़ा बनाना चाहती हैं। उनकी योजना है कि वे अपने आचार को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेचें और देशभर में अपने आचार की डिलीवरी शुरू करें। इसके लिए वह अपने बच्चों के साथ मिलकर एक वेबसाइट भी बना रही हैं, जिससे लोग आसानी से उनके आचार ऑर्डर कर सकें।
सफलता की कहानी
अलका शर्मा की यह कहानी न केवल उनके दृढ़ निश्चय और मेहनत की कहानी है, बल्कि यह प्रेरणा का स्रोत भी है। उन्होंने यह साबित किया कि कठिन समय में भी अगर इंसान अपने शौक और हुनर को पहचान कर मेहनत करे, तो सफलता जरूर मिलती है। कोरोना काल के कठिन समय में जहां लोगों ने अपने रोजगार खो दिए, वहां अलका ने अपने आचार के बिजनेस से न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि लाखों की कमाई भी कर रही हैं।
अलका शर्मा की सफलता की यह कहानी हमें सिखाती है कि कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा नए अवसरों की तलाश में रहना चाहिए। अगर आपके पास कोई हुनर है, तो उसे पहचान कर मेहनत करें, सफलता आपके कदम चूमेगी।