नई दिल्ली | भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सिम कार्ड चोरी और फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य सिम स्वैपिंग फ्रॉड को रोकना और मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाना है। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से। FOLLOW
क्या हैं नए बदलाव?
सिम कार्ड चोरी या डैमेज होने की स्थिति में अब आपको तुरंत नया सिम कार्ड नहीं मिलेगा। पहले, सिम कार्ड चोरी या डैमेज होने के बाद, उपयोगकर्ताओं को स्टोर से तुरंत नया सिम कार्ड मिल जाता था। लेकिन अब, TRAI के नए नियमों के अनुसार, उपयोगकर्ताओं को सात दिन का लॉकिंग पीरियड पूरा करना होगा। यानी अब आपको सात दिन इंतजार करने के बाद ही नया सिम कार्ड मिलेगा। यह बदलाव MNP नियमों में किया गया है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।
फैसला क्यों लिया गया?
TRAI ने यह फैसला फ्रॉड और धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए लिया है। पिछले कुछ समय में, कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें सिम कार्ड चोरी होने के बाद किसी अन्य सिम कार्ड पर वही नंबर एक्टिवेट करवा लिया गया था। इसके बाद, उस नंबर का उपयोग विभिन्न धोखाधड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया। इस तरह की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से, TRAI ने सिम स्वैपिंग की प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए समय अवधि को बढ़ाने का फैसला किया है।
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सिम कार्ड स्वैपिंग क्या है?
सिम स्वैपिंग का मतलब है कि एक ही नंबर को किसी अन्य सिम कार्ड पर एक्टिवेट करवा लेना। यह प्रक्रिया तब होती है जब एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के सिम कार्ड को एक्टिवेट करवा लेता है और उसका उपयोग विभिन्न फ्रॉड गतिविधियों के लिए करता है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए, TRAI ने सिम स्वैपिंग की समय अवधि को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
सिम स्वैपिंग फ्रॉड के खतरें
सिम स्वैपिंग फ्रॉड के कारण उपयोगकर्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे पहले, उपयोगकर्ता अपने मोबाइल नंबर पर नियंत्रण खो देते हैं। इसके बाद, फ्रॉडस्टर्स उस नंबर का उपयोग बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में OTP प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं, जिससे वे बैंक खाते और अन्य वित्तीय डेटा तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, इस प्रकार की घटनाओं का उपयोग सोशल मीडिया अकाउंट्स को हैक करने और अन्य व्यक्तिगत डेटा चोरी करने के लिए भी किया जा सकता है।
नए नियमों के लाभ
TRAI के इस नए कदम से सिम स्वैपिंग फ्रॉड की घटनाओं में कमी आएगी और उपयोगकर्ताओं को अधिक सुरक्षा मिलेगी। सात दिन का लॉकिंग पीरियड सिम स्वैपिंग के जोखिम को काफी हद तक कम कर देगा। इस समय अवधि में, उपयोगकर्ता अपने सिम कार्ड चोरी या डैमेज होने की सूचना देकर उसे ब्लॉक करवा सकते हैं और किसी भी संभावित फ्रॉड को रोक सकते हैं।
कैसे काम करेगा नया नियम?
नए नियम के अनुसार, सिम कार्ड चोरी या डैमेज होने के बाद, उपयोगकर्ताओं को तुरंत नया सिम कार्ड नहीं मिलेगा। उन्हें सात दिन का लॉकिंग पीरियड पूरा करना होगा। इस अवधि के दौरान, उपयोगकर्ता अपने सिम कार्ड के बारे में उचित जानकारी और प्रमाण प्रस्तुत कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि नया सिम कार्ड सही व्यक्ति को ही दिया जाए और किसी भी फ्रॉड गतिविधि की संभावना को कम किया जा सके।
सरकारी अधिसूचना
TRAI ने इस बदलाव को लागू करने के लिए मार्च में एक अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के तहत सभी टेलीकॉम कंपनियों को नए नियमों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी कंपनियां इन नियमों का पालन करें और उपयोगकर्ताओं को अधिकतम सुरक्षा प्रदान करें।
नए नियमों की प्रतिक्रिया
इस नए कदम का स्वागत किया जा रहा है, क्योंकि यह उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, कुछ उपयोगकर्ताओं को शुरू में सात दिन के इंतजार को लेकर असुविधा हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि में यह कदम उन्हें फ्रॉड से बचाने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
TRAI का यह नया नियम सिम स्वैपिंग फ्रॉड और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उपयोगकर्ताओं को अधिक सुरक्षा और संतुष्टि प्रदान करेगा। इस नए नियम के तहत, सिम कार्ड चोरी या डैमेज होने की स्थिति में उपयोगकर्ताओं को सात दिन का इंतजार करना होगा, लेकिन यह इंतजार उनकी सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा। उम्मीद है कि इस नए नियम से सिम स्वैपिंग फ्रॉड की घटनाओं में कमी आएगी और उपयोगकर्ता अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।