सावधान! पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का कड़ा रुख: सड़क किनारे खड़े वाहनों पर पार्किंग लाइट अनिवार्य, टक्कर मारने वाला नहीं होगा लापरवाह

हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि यदि कोई वाहन सड़क किनारे खड़ा है तो उसकी पार्किंग लाइट और रिफ्लेक्टर अनिवार्य रूप से चालू रहने चाहिए। इस फैसले के तहत, टक्कर मारने वाले वाहन चालक को लापरवाह नहीं माना जाएगा यदि खड़ा वाहन पार्किंग लाइट और रिफ्लेक्टर के बिना है। यह फैसला मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) सिरसा के एक मामले में आया है, जिसमें बीमा कंपनी की अपील को खारिज कर दिया गया है।

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मामला: सड़क किनारे खड़ा कैंटर और टक्कर

यह मामला 9 अगस्त 2020 का है, जब एक कार ने सड़क किनारे खड़े एक कैंटर में टक्कर मार दी थी। बीमा कंपनी ने दलील दी थी कि कैंटर सड़क के कच्चे हिस्से में खड़ा था और 20 फीट चौड़ी सड़क पर आराम से दो गाड़ियां निकल सकती थीं। दुर्घटना में कार चालक अरविंद कुमार की मौत हो गई थी और उनके आश्रितों ने मुआवजे की मांग की थी। आश्रितों ने दावा किया कि उस रात बहुत अंधेरा था और कैंटर सड़क पर बिना पार्किंग लाइट और रिफ्लेक्टर के खड़ा था। इस कारण कार चालक को कैंटर दिखाई नहीं दिया और दुर्घटना हो गई।



हाईकोर्ट का फैसला: सुरक्षा मानकों की अनदेखी नहीं

हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाया कि सड़क किनारे खड़े वाहनों को पार्किंग लाइट और रिफ्लेक्टर से लैस होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बिना पार्किंग लाइट और रिफ्लेक्टर के खड़ा वाहन सड़क सुरक्षा के मानकों का उल्लंघन करता है और ऐसे मामलों में पीछे से टक्कर मारने वाले वाहन चालक को लापरवाह नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई भी वाहन चालक अचानक बिना संकेतकों के खड़े वाहन की उम्मीद नहीं कर सकता।

एमएसीटी का निर्णय बरकरार

इस मामले में एमएसीटी ने बीमा कंपनी को मृतक के परिवार को 19 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। बीमा कंपनी ने इस आदेश के खिलाफ अपील की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि एमएसीटी का निर्णय सही था और मुआवजा राशि को कम करने की बीमा कंपनी की दलीलें अस्वीकार्य हैं।   Join YouTube ▶️

सड़क सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

हाईकोर्ट का यह निर्णय सड़क सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय सड़क किनारे खड़े वाहनों के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत देता है। वाहन चालकों को यह समझना होगा कि सड़क पर खड़ा वाहन भी दुर्घटना का कारण बन सकता है यदि वह उचित संकेतकों से लैस नहीं है। पार्किंग लाइट और रिफ्लेक्टर जैसे उपकरण न केवल वाहन की उपस्थिति को दर्शाते हैं, बल्कि दुर्घटनाओं को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बीमा कंपनियों की जिम्मेदारी

हाईकोर्ट ने इस मामले में बीमा कंपनियों की जिम्मेदारी को भी रेखांकित किया। बीमा कंपनियों को अपनी नीतियों में सड़क सुरक्षा के मानकों को शामिल करना चाहिए और ऐसी घटनाओं में मुआवजा देने से बचने के लिए वाहनों के सुरक्षा मानकों की जांच करनी चाहिए। यह निर्णय बीमा कंपनियों को भी सड़क सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक बनाने का काम करेगा।

आम जनता के लिए संदेश

इस फैसले का आम जनता के लिए स्पष्ट संदेश है कि सड़क पर वाहन खड़ा करते समय सुरक्षा के सभी मानकों का पालन किया जाए। पार्किंग लाइट और रिफ्लेक्टर जैसे उपकरणों का उपयोग न केवल कानूनी रूप से आवश्यक है, बल्कि यह आपकी और दूसरों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह निर्णय वाहन चालकों को सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक करेगा और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगा।
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