बाल आश्रम के 5 बच्चों की संदिग्ध मौत, 38 का इलाज जारी

आश्रम

युगपुरुष धाम आश्रम नामक शेल्टर होम में 5 बच्चों की संदिग्ध फूड प्वाइजनिंग के कारण मौत हो चुकी है और 38 अन्य बच्चों का इलाज चल रहा है। यह घटना रविवार से लेकर बुधवार तक घटित हुई, जिससे पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

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घटना का विवरण

युगपुरुष धाम आश्रम, मल्हारगंज थाना क्षेत्र में स्थित है, जहां कुल मिलाकर 204 बच्चे रहते हैं। इनमें से अधिकांश अनाथ और मानसिक बीमारियों से ग्रसित बच्चे हैं। रविवार को पहली मौत की सूचना मिली थी, जब एक बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ने पर मृत्यु हो गई। इसके बाद सोमवार और मंगलवार को तीन और बच्चों की मौत हुई। बुधवार को मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर पांच हो गई।

संदिग्ध फूड प्वाइजनिंग का मामला

आश्रम के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को कुछ बच्चों ने खाना खाने के बाद उल्टी और डायरिया की शिकायत की थी। इसके बाद बच्चों की तबीयत और बिगड़ने लगी। संदिग्ध फूड प्वाइजनिंग के कारण कुल 38 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से चार बच्चों की हालत गंभीर होने पर उन्हें आईसीयू में रखा गया है।



प्रशासनिक कार्रवाई

मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि प्रशासन की एक टीम अगले 48 घंटे तक सभी बच्चों की हालत पर निगरानी रखेगी। उन्होंने कहा, “संदिग्ध फूड प्वाइजनिंग के कारण हुई बच्चों की मौत का खुलासा जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।”

जांच के आदेश

जिला प्रशासन की उच्च स्तरीय कमेटी शेल्टर होम में विस्तृत जांच कर रही है। शेल्टर होम के खाने की गुणवत्ता और स्वच्छता की भी जांच की जा रही है। प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि फूड प्वाइजनिंग की असली वजह क्या थी और इसमें किसी की लापरवाही तो नहीं थी।

अस्पताल में इलाज

चाचा नेहरू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती 38 बच्चों में से चार बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें आईसीयू में रखा गया है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन कुछ बच्चों को अभी भी विशेष निगरानी की आवश्यकता है। अस्पताल प्रशासन बच्चों को हरसंभव चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहा है।

परिवारों की प्रतिक्रिया

घटना के बाद मृत बच्चों के परिवारों में शोक और रोष का माहौल है। परिवारजन प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि उन्हें शेल्टर होम की व्यवस्था पर कभी कोई संदेह नहीं हुआ था, लेकिन अब वे चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।

सुरक्षा उपाय

इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने सभी शेल्टर होम्स और बाल आश्रमों में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता की जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने सभी शेल्टर होम्स को निर्देश दिया है कि वे अपने किचन और खाद्य सामग्री की नियमित जांच कराएं और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें।

प्रशासन का बयान

डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, “यह घटना अत्यंत दुखद है और हम इसे बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और हम किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”


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भविष्य की योजनाएं

प्रशासन ने इस घटना के बाद सभी बाल आश्रमों और शेल्टर होम्स में सुरक्षा और स्वच्छता मानकों को और सख्त करने की योजना बनाई है। इसके तहत नियमित निरीक्षण और जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें। प्रशासन का लक्ष्य है कि बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में रखा जाए और उनकी हर आवश्यकतों का ध्यान रखा जाए।आश्रम

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