चंडीगढ़: हाल ही में चंडीगढ़ की यूटी पुलिस ने एक कपल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए फर्जी विवाह का सहारा लिया था। यह घटना उस समय सामने आई जब भारत सरकार के अवर सचिव आरए मीना की ओर से शिकायत दर्ज करवाई गई। शिकायत के अनुसार, इस क्षेत्र में इमिग्रेशन एजेंट लोगों को विदेश भेजने के लिए ऑस्ट्रेलियाई स्पाउस वीजा का दुरुपयोग कर रहे हैं।
फर्जी विवाह की घटना का विवरण
घटना का खुलासा तब हुआ जब रजनी (36) और बलकार सिंह ढिल्लों (34) ने दिल्ली एयरपोर्ट पर बैंकॉक के रास्ते ऑस्ट्रेलिया के लिए इमिग्रेशन क्लीयरेंस मांगी। इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनकी जांच करते हुए पाया कि बलकार सिंह का स्पाउस वीजा संदिग्ध लग रहा था। पूछताछ के दौरान रजनी ने खुलासा किया कि बलकार उसका पति है और वह स्पाउस वीजा पर यात्रा कर रहा है।
बलकार पंजाब के सुमन का निवासी है। कपल ने आगे खुलासा किया कि उनके वीजा की यात्रा और अन्य सभी औपचारिकताएं चंडीगढ़ में रहने वाले जय भारद्वाज नामक एजेंट ने तय की थीं। एजेंट ने कपल को फर्जी विवाह सर्टिफिकेट दिलाने में मदद की और स्पाउस वीजा हासिल करने के लिए उनसे 16.50 लाख रुपये लिए। शिकायत के अनुसार, एजेंट ने कपल को आश्वासन दिया कि उनकी शादी कागजों पर कानूनी रूप से वैध होगी, जिससे उन्हें ऑस्ट्रेलिया में बसने के लिए स्पाउस वीजा मिल जाएगा और वे वहां बसने के बाद तलाक फाइल कर सकते हैं।
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शिकायत का आधार
शिकायत में यह भी कहा गया है कि पंजाब और हरियाणा के एजेंट इस “फर्जी विवाह” की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए विवाह प्रमाण पत्र और जीवनसाथी वीजा की व्यवस्था करते हैं। इस तरह की घटनाएं न केवल भारत के इमिग्रेशन सिस्टम के साथ खिलवाड़ करती हैं, बल्कि उन लोगों के लिए भी समस्या खड़ी करती हैं जो सचमुच में अपने जीवनसाथी के साथ विदेश जाना चाहते हैं।
पुलिस की कार्रवाई
यूटी पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सेक्टर 3 थाने में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 467 (महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि जोड़े के पासपोर्ट नंबर और एजेंट के बारे में जानकारी मिल गई है।
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एजेंट की भूमिका
एजेंट जय भारद्वाज ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कपल को कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट दिलाने में मदद की और स्पाउस वीजा हासिल करने के लिए उनसे बड़ी रकम ली। एजेंट ने कपल को यह विश्वास दिलाया कि यह शादी कागजों पर कानूनी रूप से वैध होगी, जिससे उन्हें ऑस्ट्रेलिया में बसने के लिए स्पाउस वीजा मिल जाएगा और वे वहां बसने के बाद तलाक फाइल कर सकते हैं।
इस प्रकार की धोखाधड़ी का व्यापक प्रभाव
यह घटना केवल एक अकेली घटना नहीं है। पंजाब और हरियाणा में कई एजेंट इसी प्रकार की धोखाधड़ी कर रहे हैं। वे विदेश जाने के इच्छुक लोगों को विवाह प्रमाण पत्र और जीवनसाथी वीजा की व्यवस्था करते हैं। इस प्रकार की धोखाधड़ी न केवल भारतीय इमिग्रेशन प्रणाली को कमजोर करती है, बल्कि उन लोगों के लिए भी एक बड़ी समस्या है जो वास्तव में अपने जीवनसाथी के साथ विदेश जाना चाहते हैं। इस प्रकार की घटनाओं से विदेशों में भारतीय नागरिकों की साख पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
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