एंड्रॉइड यूजर्स की सुरक्षा को लेकर हाल ही में चेक पॉइंट रिसर्च (सीपीआर) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि हैकर्स लाखों एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर्स को निशाना बना सकते हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, ‘राफेल आरएटी’ नामक एक एंड्रॉइड मैलवेयर दुनिया भर के यूजर्स को प्रभावित कर रहा है।
कौन-कौन से देश हैं प्रभावित?
सीपीआर ने बताया है कि इस मैलवेयर का सबसे अधिक खतरा संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और इंडोनेशिया के एंड्रॉइड यूजर्स को है। इसके अलावा, अन्य देशों के यूजर्स को भी इस खतरे से सावधान रहने की जरूरत है।
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राफेल आरएटी का खतरा
यह रिमोट एडमिनिस्ट्रेशन टूल (आरएटी) हैकर्स को जासूसी से लेकर रैनसमवेयर हमलों तक कई तरह के ऑपरेशनों में मदद करता है। सीपीआर की जांच में राफेल आरएटी से जुड़े लगभग 120 कमांड और कंट्रोल सर्वर का पता चला है, जो दर्शाता है कि यह मैलवेयर एंड्रॉइड यूजर्स के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।
कौन-कौन से डिवाइस हैं प्रभावित?
सीपीआर की रिपोर्ट के अनुसार, यह मैलवेयर मुख्य रूप से सैमसंग डिवाइस को प्रभावित करता है, इसके बाद शाओमी, वीवो और हुआवेई फोन आते हैं। खासतौर पर Android 11 संस्करण सबसे अधिक प्रभावित है। इसके अलावा, Android 8 और 5 जैसे पुराने संस्करण भी इस मैलवेयर के शिकार हो सकते हैं।
खुद को सुरक्षित रखने के उपाय
एंड्रॉइड यूजर्स को इस खतरे से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
- केवल Google Play Store जैसे विश्वसनीय स्रोतों से ही ऐप्स इंस्टॉल करें।
- अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को अपडेट रखें।
- विश्वसनीय मोबाइल सुरक्षा एप्लिकेशन का उपयोग करें।
- किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
इस तरह की छोटी-छोटी सावधानियों को अपनाकर एंड्रॉइड यूजर्स इस मैलवेयर के खतरे से बच सकते हैं और अपने डिवाइस की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। एंड्रॉइड यूजर्स को इस मामले में सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि एक छोटी सी गलती भी बड़ा नुकसान करवा सकती है।