गर्मी के मौसम में बिजली की कटौती आम हो जाती है, जिसके चलते कई घरों में इन्वर्टर का इस्तेमाल बढ़ जाता है। हालांकि, इन्वर्टर का उपयोग सुविधाजनक होता है, लेकिन यह सही तरीके से इस्तेमाल न करने पर गंभीर हादसों का कारण भी बन सकता है। हाल ही में इन्वर्टर में आग लगने के मामलों में वृद्धि देखी गई है। यह समस्या चिंताजनक है क्योंकि इससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। आइए समझते हैं कि इन्वर्टर में आग क्यों लगती है और इससे बचने के लिए हमें किन सावधानियों का पालन करना चाहिए।
खराब वायरिंग का खतरा
इन्वर्टर में आग लगने का सबसे प्रमुख कारण खराब वायरिंग है। अक्सर लोग कम गुणवत्ता वाले तारों का उपयोग करते हैं या वायरिंग को ठीक से नहीं करवाते, जिससे शॉर्ट सर्किट होने की संभावना बढ़ जाती है। शॉर्ट सर्किट की स्थिति में तारों में तेजी से गर्मी बढ़ती है, जिससे आग लग सकती है। इसलिए, इन्वर्टर की वायरिंग हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले तारों से और किसी पेशेवर से ही करवानी चाहिए। नियमित रूप से वायरिंग की जांच भी आवश्यक है ताकि समय रहते किसी भी खराबी को ठीक किया जा सके।
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वाटर रीफिलिंग का महत्व
इन्वर्टर की लाइफ उसके डिसटिल वाटर लेवल पर निर्भर करती है। इन्वर्टर बैटरी में समय-समय पर डिसटिल वाटर भरना आवश्यक होता है। अगर वाटर लेवल कम हो जाता है और इसे समय पर नहीं भरा जाता, तो बैटरी ओवरहीट हो सकती है, जिससे आग लगने का खतरा होता है। इसके अलावा, अगर इन्वर्टर पर ज्यादा लोड डाला जाता है तो यह फट भी सकता है। इस तरह के हादसों से बचने के लिए हर कुछ महीनों में बैटरी का वाटर लेवल चेक करें और समय पर रीफिल करें।
वेंटिलेशन की भूमिका
इन्वर्टर में आग लगने का एक और प्रमुख कारण वेंटिलेशन की कमी है। इन्वर्टर को हमेशा ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां पर्याप्त हवादार हो। अगर इन्वर्टर को बंद कमरे में रखा गया है और लोड पड़ने की वजह से यह गर्म हो जाता है, तो इसमें आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। हवादार जगह पर रखने से इन्वर्टर का तापमान नियंत्रित रहता है, जिससे आग लगने का खतरा कम होता है।
उच्च लोड वाले उपकरणों से बचें
इन्वर्टर की एक निर्धारित क्षमता होती है, जिसे ध्यान में रखकर ही इसका उपयोग करना चाहिए। अगर इन्वर्टर पर उसकी क्षमता से ज्यादा भार डाला जाता है, तो यह ओवरलोड हो सकता है और आग लग सकती है। इसलिए, कभी भी इन्वर्टर को उच्च लोड वाले उपकरणों जैसे फ्रिज, मोटर, गीजर आदि से न जोड़ें। इन उपकरणों से इन्वर्टर पर अत्यधिक भार पड़ता है, जिससे यह गर्म हो सकता है और फट भी सकता है।
इन्वर्टर में आग से बचाव के उपाय
- अच्छी गुणवत्ता की वायरिंग: इन्वर्टर की वायरिंग हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले तारों से करवाएं और नियमित रूप से उसकी जांच करवाते रहें।
- वाटर रीफिलिंग: बैटरी का वाटर लेवल समय-समय पर चेक करें और जरूरत पड़ने पर डिसटिल वाटर से रीफिल करें।
- वेंटिलेशन: इन्वर्टर को हमेशा हवादार जगह पर रखें ताकि यह गर्म न हो सके।
- उच्च लोड वाले उपकरणों से बचें: इन्वर्टर पर उसकी क्षमता से ज्यादा भार न डालें और उच्च लोड वाले उपकरणों को इससे न जोड़ें।
- पेशेवर से इंस्टॉलेशन: इन्वर्टर को हमेशा किसी प्रशिक्षित पेशेवर से ही इंस्टॉल करवाएं ताकि कोई तकनीकी गलती न हो।
- रखरखाव: नियमित रूप से इन्वर्टर का रखरखाव और सर्विसिंग करवाते रहें ताकि समय रहते किसी भी खराबी को ठीक किया जा सके।
- सुरक्षा उपकरण: इन्वर्टर के पास आग बुझाने वाले उपकरण रखें ताकि आपात स्थिति में उनका उपयोग किया जा सके।
गर्मी के मौसम में इन सावधानियों का पालन करके इन्वर्टर से जुड़े हादसों से बचा जा सकता है। इन्वर्टर एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो बिजली की कटौती के समय उपयोगी साबित होता है, लेकिन इसका सही और सुरक्षित उपयोग न करना बड़े हादसों का कारण बन सकता है। इसलिए, इन्वर्टर का उपयोग हमेशा सावधानीपूर्वक और नियमों का पालन करते हुए करें। आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है। अपने घर और परिवार को सुरक्षित रखने के लिए इन्वर्टर के उपयोग में सजगता और सावधानी बरतें।